मोहब्बत बड़ा खूबसूरत जज़्बा है, पता नही चलता कब और कैसे दिल में उभर आता है ... जैसे बरसात की अँधेरी रात में जुगनू झिलमिला उठें ... या जैसे मन्दिर में कोई चुपके से दिया जला दे.
मोहब्बत चाहे किसी को भी क्यूँ ना हो जाए ... दिल को इतना नर्म कर देती है के आंसू का बीज भी हर वक़्त फूल देने को तैयार हो जाता है.
मोहब्बत कोशिश या महनत से हासिल नही होती, यह तो नसीब है बलके बड़े ही नसीब की बात है. ज़मीन के सफ़र में अगर कोई चीज़ आसमानी है तो वह मोहब्बत ही है.
रविवार, 21 दिसंबर 2008
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5 टिप्पणियां:
सच है!
सहमत है भाई
sach kaha aapne
यह तो नसीब है बलके बड़े ही नसीब की बात है. ज़मीन के सफ़र में अगर कोई चीज़ आसमानी है तो वह मोहब्बत ही है.
" मोहब्बत का नायब वर्णन , सुंदर और यथार्थ .."
Regards
विनय, राज भाटिय़ा, प्रशांत मलिक, seema gupta ...
आप तमाम का बहुत बहुत शुक्रिया.
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