शनिवार, 20 दिसंबर 2008


अली बाबा की मजबूरी


फ़्रिज
रंगीन टीवी
ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन
डीवीडी और लैपटॉप भी
मारुती ना सही , नानो ही सही
नंगे भूके रिश्तेदारों से परे
पोश कालोनी में एक अच्छा सा बंगला
चमचमाती साडियां बीवी की ख़ातिर
और कुछ गहने भी
बच्चों के लिए
दम बखुद कर देने वाले
जापानी खिलोने
गल्फ (gulf) की एक और ट्रिप
बहुत ज़रूरी हो गई है

बेचारा बद-बख्त अली बाबा
जैसे तैसे
हिर्स-व-हवस के ग़ार में दाखिल तो हो गया है
लेकिन बाहर आए कैसे
"खुल जा सिम सिम"
कहना भूल गया है !!


poet = जब्बार जमील

कोई टिप्पणी नहीं: