बरसों पहले अमिताभ बच्चन की फ़िल्म "शराबी" जो आई थी उसका एक मशहूर डैलोग था
मूंछें हो तो नथू लाल जैसी हों वरना नो हों
अब मूंछों पर कुछ ज़रूरी बातें पढ़िये :
- मूंछें आप के बुरे वक़्त की साथी हैं , आप किसी की गर्दन नही मोड़ सकते लेकिन अपनी मूंछें ज़रूर मोड़ सकते हैं
- अगर आपको बाग़्बानी का शौक़ हो तो मूंछों की परवरिश और उन्हें काट छांट कर अपना शौक़ पूरा करें
- मूंछें तराशने वाला जेब तराश की तरह होता है ... ज़रा सी भी ग़लती हो तो दोनों किसी को मुः दिखाने के क़ाबिल नही रहते
- मूंछें तराशना एक मुश्किल फ़न है , आदमी सारी ज़िन्दगी यह काम करने के बाद भी इसमे माहिर नही होता अलबत्ता वह ठंडे मिज़ाज का ज़रूर बन जाता है क्युंके मूंछें तराशना जल्दबाज़ और तेज़ मिज़ाज आदमी के बस का रोग नही है
शनिवार, 16 अगस्त 2008
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