गुरुवार, 17 जुलाई 2008


चाँद का अब्बा ..... !


चाँद का अब्बा

चाँद रात आए तो सब देखें हिलाल-ऐ-ईद
एक हमारा ही नसीबाँ , हड्डियां तुड़वा गया
छत पर थे हम चाँद के नज़ारे में खोये खोये
बस अचानक चाँद का अब्बा वहां आ गया

marriage-certificate expiration!

एक दिन बीवी ने शौहर से कहा क्या बात है
इस क़द्र गुम सुम बुझे पहले कभी देखा नहीं
अक़्द-नामा उस के आगे कर के शौहर ने कहा
कब यह होगा एक्स्पाएर (expire) यह कहीं लिखा नहीं

"चंदा"

कल एक चाँद सी लड़की को देखा तो हो गया दिल बे-क़ाबू
कह दिया सामने जा के प्यार से मैं ने उसको "चंदा"
फ़ौरन दस रुपे नोट थमा के आगे से वह बोली
यह तो बतला दो किस मस्जिद का मांग रहे हो चंदा ?


हिलाल-ऐ-ईद = ईद का चाँद
अक़्द-नामा = marriage-certificate