रविवार, 13 जुलाई 2008


खुश आमदीद - स्वागतम - वेल्कम


उर्दू है जिस का नाम हमी जानते हैं दाग़
सारे जहाँ में धूम हमारी जुबां की है

हम बुनयादी तौर पर उर्दू दाँ हैं और उर्दू को उसके अस्ल रस्म-उल-ख़त (लिपि) में लिखने के क़ाएल हैं। उर्दू की अस्ल लिपि फ़ारसी है जो कि दाएं [right] से बाएँ [left] तरफ़ लिखी जाती है। हम अपना अस्ल उर्दू ब्लॉग यहाँ लिखा करते हैं।

उर्दू शेर-ओ-अदब से हमारी गहरी दिलचस्पी को देखते हुये हमारे कुछ दोस्तों ने राए दी है कि देवनागरी लिपि में भी हम अपना उर्दू ब्लॉग शुरू करें ताकि देवनागरी लिपि से वाक़िफ़ शाएकीं-ऐ-शेर-ओ-अदब का एक वसी हल्का [vast group], माज़ि [past] और हाल [present] के कलाम-ऐ-सुख़न से लुत्फ़ अन्दोज़ हो सकें।
यह ब्लॉग हमारे मुख्लिस दोस्तों कि उसी राए का नतीजा है ॥

उम्मीद कि उर्दू शेर-ओ-अदब के दिल्दादह इस ब्लॉग को पज़ीराई बख्शें गे। शुक्रिया ॥

नही खेल अए दाग़ यारों से कह दो
के आती है उर्दू जुबां आते आते ।
( दाग़ )

शहद-ओ-शक्र से शीरीं उर्दू जुबां हमारी
होती है जिसकी बोली मीठी जुबां हमारी
( हाली )

गैसुये उर्दू अभी मिन्नत पजीर-ऐ-शाना है
शमा यह सौदाई दिल सोज़ी-ऐ-परवाना है
( इकबाल )

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