बुधवार, 16 जुलाई 2008


बीवियों की दहशत


कॉलेज के ज़माने में एक जोक हम साथियौं के बीच बड़ा मशहूर था, शाएद आप को भी मालूम हो.
एक मियाँ अपनी बीवी से बोले :
अंग्रेज़ी के 3 W's में कभी यकीं नहीं करना चाहिए
Wealth (दौलत), Weather (मौसम) और Woman (औरत) .....
अभी मियाँ ने इतना ही कहा था के आख़री लफ्ज़ सुनकर बीवी ग़ुस्से से उनकी तरफ़ बढ़ी, मियाँ ने जल्दी से गाल पर हाथ रख कर कहा : आगे भी तो सुनो ....
अगर आप अमेरिका में हूँ तो !!

पिछले दिनों पाकिस्तान के एक बहुत मशहूर लेखक "मुस्तंसर हुसैन तारढ़" के एक मज़मून में एक मज़े का पैराग्राफ पढने को मिला, ज़रा आप भी पढ़ें .....

नाश्ते की मेज़ पर अख़बार खोला तो अजीब हौलनाक खबरें पढने को मिलीं, मस्लन बीवियों से मार खाने वाले. पाकिस्तान में हर साल ढाई लाख मर्द बीवियों के तमांचे खाते हैं और पाकिस्तानी बीवियां शौहरों पर खोलता हुआ चाऐ का पानी फ़ेंक देती हैं, नोकदार जूतीओं से ज़ख्मी होने वाले शौहरों को कई रोज़ बिस्तर-ऐ-अलालत पर रहना पड़ता है. बीवियों के नाक़ाबिल-ऐ-बर्दाश्त मज़ालिम को पढ़ कर मेरे तो रोंगटे खड़े हो गऐ, गला खुश्क हो गया, बदन लरज़ने लगा.
फिर मैं उसी अख़बार को दुबारा पढने लगा ..... मालूम हुआ कि यह ज़ुल्म कि दास्तानें तो अमेरिका कि हैं .... और मैं ज़ाती तजुर्बात कि दहशत कि वजह से अमेरिका कि बजाये पाकिस्तान और पाकिस्तानी बीवियां पढता गया !


जोक = joke
हौलनाक = ख़तरनाक
बिस्तर-ऐ-अलालत = मरीज़ का बिस्तर
मज़ालिम = बहुत ज़ुल्म

6 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

स्वागत है हिन्दी ब्लाग जगत में. नियमित लिखें.

36solutions ने कहा…

स्‍वागत

बेनामी ने कहा…

Udan Tashtari और Sanjeeva Tiwari ...
आप दोनो का बहुत शुक्रिया

सुजाता ने कहा…

स्वागत है आपका !

Neelima ने कहा…

ठीक कहा ! उर्दू हिंदी का लाजवाब मेल है आपकी भाषा में ! स्वागत है आपका !

बेनामी ने कहा…

सुजाता और Neelima ...
स्वागत करने का बहुत शुक्रिया. उर्दू मेरी mother-tongue है और हिन्दी मैंने स्कूल और कॉलेज में बहुत ज़्यादा पढ़ी है.