शनिवार, 17 जनवरी 2009


हम से बढ़ कर कौन ?!


अमरीका से दो आदमी फ़्लाईट से भारत आ रहे थे. एक silicon-valley का आई टी प्रोग्रामर था और दूसरा शिकागो की किसी होटल में काम करने वाला हैदराबादी शाएर. फ़्लाईट में दोनों को सीट आस पास मिली.

आई टी प्रोग्रामर ने कहा: क्यूँ ना हम आपस में general-knowledge का कोई खेल खेलें?
हैदराबादी शाएर साहब ने इनकार कर दिया.
प्रोग्रामर ने दुबारा ज़ोर देकर कहा. फिर भी शाएर साहब ने इनकार कर दिया.
तीसरी बार प्रोग्रामर ने कहा:
ठीक है भाई साहब, आप हारें तो 1 डॉलर और मैं हारा तो 100 डॉलर दूंगा.
हैदराबादी शाएर साहब इस बार तैयार हो गए.

पहला सवाल प्रोग्रामर ने किया:
ज़मीन से चाँद तक का फ़ासला कितने किलो-मीटर का है?
शाएर साहब ने ख़ामोशी से 1 डॉलर प्रोग्रामर के हाथ में दे दिया.

अब शाएर साहब ने सवाल किया :
वह कौनसा जानवर है जो पहाड़ पर तीन पैरों से चढ़ता है मगर पहाड़ से उतरता चार पैरों से है?
प्रोग्रामर साहब ने अपना लैपटॉप खोला और बड़ी देर तक सर खपाते रहे. दो चार ईमेल किए फिर कुछ दोस्तों को SMS भी किया. मगर थक हार कर उन्हें 100 डॉलर शाएर साहब को देना ही पड़े. उसके बाद खेलने की ज़्यादा हिम्मत नही हुयी. ख़ामोश ही बैठे रहे.

जहाज़ जब मुंबई पर लैंड होने लगा तो प्रोग्रामर ने शाएर साहब से पुछा :
आप अपने सवाल का जवाब तो बता दीजिये.
इस पर शाएर साहब ने 1 डॉलर का नोट उनके हाथों में थमाते हुए कहा :
मुझे नही मालूम !!

4 टिप्‍पणियां:

संजय बेंगाणी ने कहा…

चलो बुद्धीमानी से 98 डॉलर कमा लिये. शायर साहब है भाई. मजेदार.

और इण्डिया को हिन्दी में हिन्दुस्तान न सही भारत कहा जा सकता है.

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सूंदर अब हेदरावादी से बच कर रहना होगा.
धन्यवाद

Udan Tashtari ने कहा…

शायरों की बात ही अलग है जनाब!!!

Manish Kumar ने कहा…

bahut pehle ye lateefa padha tha. aaj phir padh kar maza aaya.