* मोहब्बत ऐसा दर्या है के बारिश रूठ भी जाए तो पानी कम नहीं होता
* कड़वी बात पत्थर की तरह होती है जो हर चीज़ को ज़ख्मी या ख़राब कर देती है , जबके मीठी बात उस चश्मे की तरह होती है जिस की तरफ़ इंसान तो इंसान जानवर भी दौड़े चले जाते हैं
* ख्वाहिश को दिल में जगह देना ज़ख्म को दिल में जगह देने के बराबर है क्यूंकि अगर ख्वाहिश पूरी हो जाए तो दिल फूल बन जाता है और अगर ख्वाहिश पूरी ना हो तो ज़ख्म बन जाता है
* इस दुन्या में दो लोग ही आप को अच्छी तरह से जानते हैं , एक वह जो आप से मोहब्बत करते हैं और दूसरे वह जो सब से ज़यादा आप से नफ़रत करते हैं
बुधवार, 3 सितंबर 2008
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5 टिप्पणियां:
bahut umda andaaj hai....
keep it up
माशा अल्लाह ..बहुत खूब..
वाह मज़ा आ गया साहब..
इससे पहली पोस्ट में अल्लामा इकबाल की गजल भी खूब है.
आपको बधाई .
५ दिन की लास वेगस और ग्रेन्ड केनियन की यात्रा के बाद आज ब्लॉगजगत में लौटा हूँ. मन प्रफुल्लित है और आपको पढ़ना सुखद. कल से नियमिल लेखन पठन का प्रयास करुँगा. सादर अभिवादन.
MANVINDER BHIMBER , Anwar Qureshi
ब्लॉग को विज़िट करने और सराहने का बहुत बहुत शुक्रिया
योगेन्द्र मौदगिल, बहुत शुक्रिया जनाब आप जैसे कद्रदानों का साथ रहा तो इसी तरह बहुत कुछ लिखूंगा
Udan Tashtari, हाँ जनाब, आप की कमी और गै़र-हाज़री तो काफ़ी महसूस हुयी है.
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