tag:blogger.com,1999:blog-7095245152110019429.post9174522532782629942..comments2023-07-09T15:38:47.057+05:30Comments on हिंदी जहाँ: मुंबई धमाके और हमारा रवय्या ...Syed Hyderabadihttp://www.blogger.com/profile/03933308297011650354noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7095245152110019429.post-53755146230662246102008-12-30T21:54:00.000+05:302008-12-30T21:54:00.000+05:30दोनोँ तरफ जो भी नाइन्साफी हुई है उसे बताना और देखन...दोनोँ तरफ जो भी नाइन्साफी हुई है उसे बताना और देखना जरुरी है <BR/>लडाई को रोकने से ही जिन निर्दोष लोगोँ का रोना हम और आप रो रहे हैँ , कुछ मायने रखता है अन्यथा जिनके रस पे खून सवार है वे बमबारी, बँदूक से और लोगोँ को मारते ही रहेँगेँ -<BR/> कैसे रोका जये इसे उस पर आप के क्या विचार हैँ ? <BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7095245152110019429.post-12864128824084036662008-11-30T16:36:00.000+05:302008-11-30T16:36:00.000+05:301-हैदराबादी साहब सुनिये देश के गृह मंत्री के घर पो...1-हैदराबादी साहब सुनिये देश के गृह मंत्री के घर पोता पैदा हुआ चमचे बधाई देने पहुँचे मुबारक हो आप दादाजी बन गये उन्होंने आदतन कोट की क्रीज और चेहरे की एनक ठीक करते हुए कहा मुझे इसमें आई.एस.आई. का हाथ नज़र आता है.धिक्कार है ऐसा राग आलापने वालों पर.<BR/>माना आई.एस.आई. का हाथ ही नहीं पांव भी है पर उन्हें तोड़ा क्यों नहीं जाता क्यों उन्हें चाटने की तारीखें तय की जाती है.<BR/>2-और साहब इतने बड़े आपरेशन को अंजाम देने के लिए प्लानिंग की ज़रूरत होती है.Raw.किस चिड़िया का नाम है ज़रा ग्रेज्युट पोस्ट ग्रेज्युट लोगो को पूछ कर देख लेना.रा और ए.टी.एस.अपने दिल्ली में बैठे आकाओं के इशारे पर मुज़रा कर रहे थे साहब और ये इतना बड़ा खेल हो गया पंगेबाज उसी की तरफ इशारा कर रहे हैं.<BR/>3-हेट पाकिस्तान का ब्लॉग बनाने वाला कोई बुज़दिल ही है उसने अपनी शिनाख्त छिपा रक्खी है.जो खुलकर अपनी पहिचान नहीं दे सकता वो ए.के.47 की गोलियां और हेन्ड ग्रेनेड की मार कैसे झेलेगा.सो उसको आप गंभीरता से न लें कोई टुच्चा है ऐसे बेनामी हरामी कई ब्लाग पर हैं.पहले आतंक को इस्लाम से जोड़ा गया फिर हिन्दुत्व से ये दोनों बातें गैरमानी हैं.इन दोनों का फायदा राजनेता और आतंकी दोनो उठा रहे हैं.मरते आम लोग ही है.<BR/>4- एक खास बात जो अंग्रेज भी नही कर सके वो इन कांग्रेसी राजनेताओं ने वोटों की खातिर <BR/> कर दिया सेना के ऊपर मुसलमानों के दिमाग में शक पैदा कर दिया. देश के मुसलमानों को पुलिस की बदमाशियों पर पहले ही भरोसा नहीँ था अब कर्नल पुरोहित के माध्यम से ये आमो खास में विष भर दिया गया इसके दूरगामी भयानक परिणाम होंगे अभी तो खैर शुरूआत है.किसी एक व्यक्ति के लिए पूरी कौम और पूरी पांख को जिम्मेदार ठहराना कहाँ तक उचित है.<BR/>कौन कहता है देश आज़ाद है.राह चलते लोगों को गोलियों से भून दिया जाता है.बस ट्रेन का सफर आखिरी सफर हो जाता है.<BR/>हमने 1992 में अपनी ग़ज़ल के एक शेर में ये बात रम्ज़ों में कही थी-<BR/>महफ़ूज़ रहेंगे क्या घर मेरे पड़ोसी के,<BR/>बारूद हमारे जो आँगन में बिछायेंगे.<BR/>किस्मत की लकीरों के मोताद नहीं हैं हम,<BR/>हम अपनी हथेली पर सूरज भी उगायेंगे.<BR/>अपने 18 साल के सफर में देखा आंतकवाद को पनाह देने वाला मुल्क पाकिस्तान ख़ुद भी उसका शिकार गया.<BR/>पड़ोसी के घर में बारूद बिछाने वाले के घर तक कभी न कभी आग पहुँचती है साहब.वो पहुँच चुकी है.<BR/>हाँ हिन्दुस्तान हो या पाकिस्तान दोनो की अवाम की बदनसीबी एक सी है बदमाश स्वार्थी शासक.<BR/>और शासकों की भूलों का परिणाम प्रजा को भुगतना पड़ता है हम भी भुगत रहे हैं और वे भी. आगे और भी और दर्दनाक मंज़र होंगे.इस बार आमीन नहीं कहूँगा.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7095245152110019429.post-42807183198991858662008-11-30T13:28:00.000+05:302008-11-30T13:28:00.000+05:30जनाब आप कैसी घटिया बाते करते है रा और ए टी एस अपने...जनाब आप कैसी घटिया बाते करते है रा और ए टी एस अपने काम यानी हिंदू आतंकवादियो को खोजने और महिमामंडित करने के खास काम मे व्यस्त थी <BR/>अब ये टुच्चे मुच्चे काम करने के लिये जब उसे कहा ही नही गया तो वह क्यो करती <BR/>ये तो किरकिरे साहब मर गये वरना आप को बताते कि जितने आतंकवादी मुंबई कांड मे मरे है सबके हाथ के रक्षा सूत्र ( पूजा मे हाथ मे बांधा जाने वाला कलावा) बंधा था सबके तिलक लगा था अत: सारे हिंदू थे और साध्वी के सिखाये गये चेले थे . यहा प्रयोग मे लाया गया आर डी एक्स सेना से चुराया गया साथ किलो आर डी एक्स था <BR/>एन डी टी वी इन्डिया टी वी आपको एक्सक्लूसिव आतंकवादियो की साध्वी के साथ ताजी खीची गई फ़ोटो दिखाता<BR/>लेकिन बेचारे गफ़लत मे मारे गये वरना आतंकवादियो का उन्हे मारने का कोई इरादा नही था वो भी उन्हे आम नागरिक समझ कर मार बैठे जी <BR/>और उनके समर्थन मे तमाम सेकुलर संप्रदाय के कुत्ते भोकते हुये दिखाई देतेArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com